शालिनी सिंह पटेल ने केंद्रीय मंत्री रामदास आठावले से मुलाकात में उठाया बुंदेलखंड का मुद्दा
, कहा– “फर्जी मुकदमों और जेल की साजिशों के बावजूद हर लड़ाई लड़ेंगे”

नई दिल्ली। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) की प्रदेश उपाध्यक्ष एवं बुंदेलखंड प्रभारी शालिनी सिंह पटेल ने दिल्ली में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री व राज्यसभा सांसद रामदास आठावले से मुलाकात कर बुंदेलखंड की बदहाली और महिलाओं पर हो रहे भेदभाव का मुद्दा जोरदार ढंग से उठाया। उन्होंने कहा कि जब भी जनता की आवाज उठाई जाती है

, उन पर फर्जी मुकदमे दर्ज कर जेल भेजा जाता है, लेकिन यह उन्हें डराने की साजिश भर है। “हम डरने वाले नहीं, चाहे जितनी बार जेल जाना पड़े और चाहे कितने मुकदमे लिखे जाएँ, जनता और महिलाओं के हक की लड़ाई हर हाल में लड़ी जाएगी।” शालिनी सिंह पटेल ने कहा कि बुंदेलखंड आज भी पानी की किल्लत, बेरोजगारी, पलायन और किसानों की आत्महत्याओं से जूझ रहा है।
शिक्षा व स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव और रोज़गार की कमी ने हालात बदतर बना दिए हैं। महिलाओं की दशा और भी चिंताजनक है। दहेज प्रथा, घरेलू हिंसा, बाल विवाह और सामाजिक भेदभाव उनकी प्रगति में बाधक हैं।
“बुंदेलखंड की बेटियों और बहनों को अब और पिछड़ा नहीं छोड़ा जा सकता, उन्हें सशक्त बनाने के लिए ठोस कदम जरूरी हैं।” उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार विशेष पैकेज घोषित करे और महिलाओं के सशक्तिकरण, शिक्षा व रोजगार पर विशेष पहल करे।
केंद्रीय मंत्री रामदास आठावले ने उनकी बातों को गंभीरता से सुनते हुए भरोसा दिलाया कि सरकार महिलाओं और वंचित वर्गों की समस्याओं के समाधान व बुंदेलखंड के विकास के लिए आवश्यक कदम उठाएगी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शालिनी सिंह पटेल का संघर्षपूर्ण रुख आने वाले समय में बुंदेलखंड की राजनीति और समाज दोनों को नई दिशा देगा।
