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ब्यूरो चीफ महेश कुमार जायसवाल मध्यप्रदेश

आईजी पंजीयक मुद्रांक तक पहुंची शिकायत, एक साल में लाखों रूपये का हुआ है लेनदेन, भाजपा सरकार में सब जायज हैसिंगरौली , सितम्बर। सब रजिस्टार सिंगरौली की मुश्किले थमने का नाम नही ले रही हैं।

उनके नित्य नये कारनामे सामने आ रहे हैं। अब फर्जी अटार्नी के बाद यूपीआई के माध्यम से कई सेवा प्रदाता व उनके रिश्ते के भतीजे ने कई बार उनके निजी बैंक खाता में राशि ट्रांसफर किया है।

गौरतलब है कि कलेक्टे्रट कार्यालय भवन में संचालित उप पंजीयक दफ्तर विगत 8 वर्षो से किसी न किसी मामले को लेकर चर्चाओं में बना रहता है। सब रजिस्टार अशोक सिंह परिहार के काले कारनामे एक नही दर्जनों की संख्या में है। कई मामले की जांच भी चल रही है,

तो कई मामलो के शिकायतो की जांच ठण्डेबस्ते में डाल दी गई है। सिद्धीखुर्द गांव के एक फर्जी पावर अटार्नी के मामले में दलाल सुमन कुमार सिंह पर धोखाधड़ी का मामला सासन पुलिस चौकी में अपराध पंजीबद्ध हुआ है। वहीं यह मामला भी तूल पकड़ा है

। इसमें फरियादी ने सेवाप्रदाता सुनील सिंह चौहान एवं उप पंजीयक अशोक सिंह परिहार को भी लपेटे में लेते हुये पुलिस को दिये गये बयान में सनसनी खेज आरोप लगाया है। फरियादी के अनुसार पावर अटार्नी के माध्यम से सिद्धीखुर्द गांव के 60 ढिसमिल जमीन की रजिस्ट्री कराने में उप पंजीयक की भूमिका महत्वपूर्ण रही है

और यह पावर ऑफ अटार्नी फर्जी निकली है। यह मामला अभी ठण्डा नही पड़ा था कि उप पंजीयक अशोक सिंह परिहार पर एक और सनसनी खेज आरोप लगाये जा रहे हैं। यदि सूत्रों की बात माने तो सब रजिस्टार के बैंक खातों में पिछले वित्तीय वर्ष से लेकर अब तक अनेको यूपीआई के माध्यम से राशि जमा की जा रही है। यूपीआई के माध्यम से सब रजिस्टार के खाते में राशि ट्रांसफर करने वालों में कुछ सेवा प्रदाता व उनके एक रिश्ते के भतीजा शामिल हैं। अब सवाल उठ रहा है

कि सेवा प्रदाताओं व भतीजे से सब रजिस्टार किस बात के लिए बार-बार अपने बैंक खातों में राशि ले रहे हैं। इसे तो लेनदार व देनदार ही बता पाएंगे। इस लेनदेन के पीछे कौन सा रहस्य छुपा हुआ है, निष्पक्ष जांच से ही पता चल पाएगा। उधर बताते चले कि दो साल पूर्व इसी तरह के लेनदेन के शिकायत कलेक्टर के यहां की गई थी। जहां जांच अधिकारियों ने लीपापोती करते हुये उप पंजीयक को हरी झण्डी दे दिया था और कहा था कि उप पंजीयक ने उधार के रूप में रकम दिया था।

उधार रकम देना भी साहूकारों के श्रेणी में आता है। वह भी अपराध है। लेकिन जांच अधिकारियों ने उप पंजीयक पर दयादृष्टि दिखाने में कोई कोर कसर नही छोड़ा था। अब उक्त रकम के मामले में आम आदमी पार्टी के नेता राजेश सोनी ने कहा है कि इसकी निष्पक्ष जांच हो, आखिरकार इस लेनदेन के पीछे कारण क्या है और लेनदेन वालों से उप पंजीयक का क्या रिश्ता कहलाता है।

यूपीआई से बार-बार लेनदेन पर सवाल खड़ा हो रहा है।

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